Ayodhya Railway Station का पुनर्विकास: एक दृष्टि
- प्रयागराज को सीधे जोड़ने वाला नवनिर्मित जंक्शन:
- Ayodhya Railway का पुनर्विकास नवनिर्मित जंक्शन के साथ है, जो प्रयागराज को सीधे जोड़ता है।
- यह जंक्शन भगवान राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन से पहले ही उद्घाटन होगा।
- PM MODI का उद्घाटन:
- जंक्शन का उद्घाटन PM MODI द्वारा किया जाएगा, जो स्थानीय और राष्ट्रीय महत्व का होगा।
- एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन का सम्मिलन:
- अयोध्या रेलवे स्टेशन का उद्घाटन एयरपोर्ट के साथ-साथ होगा, जिससे सुविधाजनक और आधुनिक परिवहन सुनिश्चित होगा।
- नागर शैली में विकसित स्टेशन:
- Ayodhya Railway Station को नागर शैली में विकसित किया गया है, जो स्थानीय भगवान राम की आभा को प्रदर्शित करता है।
- अद्वितीय आर्किटेक्चर:
- स्टेशन की वास्तुकला एक सुपर स्ट्रक्चर है, जो लखनऊ के अग्रवाल परिवार के सदस्यों द्वारा डिज़ाइन किया गया है।
- इसमें प्राचीनता और आधुनिकता का शानदार संगम है।
- स्थानीय और पर्यटन महत्व:
- स्टेशन का पुनर्विकास पर्यटन को बढ़ावा देगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को समृद्धि प्रदान करेगा।
- पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव के लिए उपयुक्त ठानी जा रही है।
- पूर्णता की योजना:
- उद्घाटन के बाद भगवान राम मंदिर के दर्शन के लिए स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को सुविधाजनक पहुंचने का योजना है।
- चुनौतीपूर्ण परियोजना:
- स्थान की कमी के कारण, इस परियोजना को चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें पर्यावरण-अनुकूल इमारतें शामिल हैं।
- इसके विकास में शामिल आर्किटेक्ट नमित अग्रवाल ने इसे एक महत्वपूर्ण और महात्मा कांक्षी परियोजना बनाने की प्रेरणा दी है।
मुकुट प्रेरित गुंबद:
- केंद्रीय गुंबद का साकार:
- Ayodhya Railway Station की इमारत का केंद्रीय गुंबद, भगवान राम के ‘मुकुट’ से प्रेरित है।
- इसका साकार सुंदरता और आधुनिकता का मिश्रण है, जो एक अनूठे डिजाइन की उत्पत्ति करता है।
- भारतीय मंदिर वास्तुकला का संगम:
- इस नए डिजाइन में भारतीय मंदिर वास्तुकला के सौंदर्यशास्त्र का सुंदर संगम है।
- गुंबद के पीछे का ‘चक्र’ सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है।
- इमारत की प्राकृतिक रोशनी:
- दिन के समय में रेलवे स्टेशन को न्यूनतम बिजली की आवश्यकता होगी, क्योंकि गुंबद डिजाइन में प्राकृतिक रोशनी प्रवाहित की गई है।
- स्थानीय उपयोग के लिए संरचित:
- गुंबद ने यह उद्देश्य पूरा किया है कि इसे स्थानीय भगवान राम मंदिर के साथ सीधे रास्ते से जोड़ने वाला एक स्थल बनाया जाए।
विरासत पथ का निर्माण:
- हेरिटेज रोड:
- Ayodhya Railway Station टर्मिनल को राजमार्ग और मंदिर से जोड़ने वाली संकरी गली को हेरिटेज रोड में बदल दिया गया है।
- इसमें भूमिगत बिजली और टेलीफोन केबल इंफ्रास्ट्रक्चर होंगे।
- मुखौटा ट्रेता युग का:
- राम मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग को ‘मुखौटा’ के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो त्रेता युग का प्रतीक है।
- ग्रीन बिल्डिंग डिज़ाइन:
- अयोध्या जंक्शन की ग्रीन बिल्डिंग के लिए डिज़ाइनरों ने गृहा थ्री- स्टार रेटिंग के लिए आवेदन किया है, जिससे इसे सुस्त और उर्जा संरक्षण स्थिति में बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- टर्मिनल और प्लेटफॉर्म का विकास:
- स्थानीय और विदेशी यात्रीयों के लिए बड़े वेटिंग एरिया और पार्किंग के साथ एक नए टर्मिनल का विकास किया जा रहा है।
- तीन प्लेटफार्मों को कवर करने के लिए भी काम चल रहा है।
पूर्णता का दूसरा चरण:
- संरचित क्षमता:
- उद्घाटन के बाद, स्थान की क्षमता एक लाख से अधिक यात्रीयों तक पहुंच जाएगी, जो टीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी।
- दक्षिणी टर्मिनल का संपर्क:
- दक्षिणी टर्मिनल का एनएच- 27 से सीधा संपर्क होगा, जो विशेषकर तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा।
- कुल लागत:
- पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत 430 करोड़ रुपये है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को समृद्धि प्रदान करने के लिए निर्मित है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्घाटन:
- उद्घाटन के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ ट्रेनों का शुभारंभ करेंगे, जो सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा को सुनिश्चित करेंगी।
- अयोध्या रेलवे स्टेशन का नया निर्माण वास्तव में एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जो इसे भारत के सबसे खूबसूरत और आधुनिक सुविधाओं से युक्त रेलवे स्टेशनों में से एक बनाएगा। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं:
- विशाल परिसर: स्टेशन की इमारत का विकास लगभग दस हजार वर्ग मीटर के क्षेत्रफल पर हो रहा है। इस विशाल परिसर में यात्रीयों के लिए विभिन्न सुविधाएं और आरामदायक स्थान उपलब्ध होंगे।
- आधुनिक डिजाइन और सुविधाएं: इसका डिजाइन आधुनिकता और परंपरा का सुंदर समावेश करता है। यहाँ यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं जैसे कि वाई-फाई, विश्राम कक्ष, खानपान की दुकानें, डिजिटल सूचना प्रणाली, आदि उपलब्ध होंगी।
- स्थापत्य कला: इसकी स्थापत्य कला अयोध्या की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्वता को दर्शाती है। इसके डिजाइन में भारतीय मंदिर वास्तुकला के तत्व शामिल किए गए हैं।
- पर्यावरणीय सुस्थिरता: यह ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट्स को अपनाते हुए निर्मित हो रहा है, जिसमें ऊर्जा संरक्षण, प्राकृतिक प्रकाश और वेंटिलेशन का महत्वपूर्ण स्थान होगा।
- यातायात की आसानी: इसका निर्माण ऐसे तरीके से किया जा रहा है जिससे यह न केवल रेल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों से आने-जाने वाले लोगों के लिए भी आवागमन आसान होगा।
- इन सभी विशेषताओं के साथ, अयोध्या रेलवे स्टेशन न केवल एक परिवहन हब के रूप में काम करेगा, बल्कि एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण के रूप में भी उभरेगा, जो इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्वता को बढ़ाता है।