“जम्मू-कश्मीर आतंकी हमला: 5 जवान शहीद, 2 गंभीर रूप से घायल”

“जम्मू-कश्मीर हमला: आतंकवादी हमले में 5 जवानों की शहादत, देश शोक में; सेना ने बदली रणनीति, पाकिस्तान से सख्ती का ऐलान”

जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में एक दर्दनाक और घातक घटना ने गुरुवार को देश को हिला दिया। इस घटना में भारतीय सेना के दो वाहनों के ऊपर अचानक और घातक हमला किया गया, जिसमें पांच वीर जवानों ने शहादत प्राप्त की और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हमले को आतंकवादियों ने बड़ी चालाकी और योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया, जिससे सेना के जवान अचानक हमले का शिकार हो गए।

घायल सैनिकों को तत्काल निकटतम सैन्य अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। इस घटना के तुरंत बाद, भारतीय सेना ने आतंकियों को पकड़ने के लिए एक व्यापक ऑपरेशन शुरू कर दिया। पूरे क्षेत्र को घेर लिया गया है, और सुरक्षा बलों ने तलाशी और ऑपरेशन को तेज कर दिया है।

इस घटना की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा, पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने ली है। इस आतंकी संगठन का उद्देश्य भारत में अस्थिरता और आतंक फैलाना है, और इस हमले के माध्यम से उन्होंने अपने नापाक इरादों का प्रदर्शन किया है।

सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क और सहयोगी रहने का आग्रह किया है। इस घटना के बाद, क्षेत्र में सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया है, और सभी संभावित खतरों को रोकने के लिए अतिरिक्त सैन्य बलों को तैनात किया गया है। देश भर में इस घटना की निंदा की जा रही है, और शहीदों के प्रति गहरी संवेदना और सम्मान व्यक्त किया जा रहा है।

आतंकवादी हमले में 5 जवानों की

जम्मू-कश्मीर हमला: 20 दिसंबर की रात शुरू हुआ ऑपरेशन

1. ऑपरेशन का आरंभ: भारतीय सेना द्वारा 20 दिसंबर की रात से राजौरी के जनरल एरिया डीकेजी (ढेरा की गली) में एक ऑपरेशन शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य आतंकवादी सक्रियता को कम करना था।

2. आतंकी हमला: ऑपरेशन के दौरान, सेना के 2 वाहन लेकर आगे बढ़ रहे थे, जब आतंकियों ने अचानक हमला किया। हमले में दोपहर के लगभग 3 बजे को सेना के सैनिकों पर किया गया।

3. सैनिकों का जवाब: तुरंत जवाबी कार्रवाई के बाद, सैनिकों ने घातक हमलों का सामना किया और आतंकियों को पराजित करने में सफल रहे। हमले में बर्बाद होने वाले आतंकी की संख्या की जानकारी तकनीकी जाँच में है।

4. हमले का समय: इस हमले का समय 21 दिसंबर को लगभग 3:45 बजे था, जब सैना का ऑपरेशन चल रहा था।

5. सुरक्षा बढ़ाई गई: इस हमले के बाद, सेना ने तत्काल इलाके की सुरक्षा को बढ़ाया और एक बड़े स्तर पर तलाशी अभियान शुरू किया है। सभी संभावित आतंकी और उनके समर्थकों को गिरफ्तार करने के लिए सुरक्षा बलों ने कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

6. आतंकी संगठन की जिम्मेदारी: घटना के पश्चात, लश्कर-ए-तैयबा की शाखा, पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। भारतीय सेना का मानना ​​है कि यह संगठन पाकिस्तान के साथ मिलकर आतंकियों को स्थिति को बिगाड़ने का काम कर रहा है।

7. राष्ट्र का संघर्ष: इस हमले ने देश को गहरे शोक में डाल दिया है, और राष्ट्र द्वारा इस हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। सेना ने इस मामले में पाकिस्तान के प्रति सख्ती का ऐलान किया है और आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में जुटे हुए है।

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